“माइक्रोसाइट” से डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा : सीएमओ

नोएडा। डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को व्यापक रूप से अपनाने में तेज़ी लाने और स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को आम लोगों के लिए अधिक सुलभ एवं समावेशी बनाने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम), उत्तर प्रदेश ने “माइक्रोसाइट्स” की शुरुआत की है। दो फरवरी को जनपद मथुरा में प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में “माइक्रोसाइट” लांच इवेन्ट का आयोजन किया जा रहा है। जनपद गौतमबुद्धनगर से उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डिप्टी सीएमओ) डा. चंदन सोनी कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया- निजी क्षेत्र के प्रदाताओं में जागरूकता बढ़ाने और “मरीजों एवं सेवा प्रदाताओं के विभिन्न लाभों को प्रदर्शित करने के लिए “माइक्रोसाइट्स” को लागू किया जा रहा है। “माइक्रोसाइट” लांच इवेन्ट में हेल्थ इको- सिस्टम के अंतर्गत कार्यरत निजी क्षेत्र के माडर्न अथवा ट्रेडिशनल मेडिसिन के विभिन्न स्टेक होल्डर्स –क्लीनिक पॉलीक्लीनिक डायग्नोस्टिक सेंटर पैथोलॉजी सेंटर, नर्सिंग होम, मेडिकल स्टोर के स्वामी अथवा प्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा अलीगढ़, बिजनौर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर एवं फर्रुखाबाद के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. चंदन सोनी ने बताया- जनपद में आयुष्मान भारत डिजिटल पर आईडी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनपद के सभी सरकारी, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, पॉलीक्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी, सेंटर से माइक्रोसाइट लॉंच इवेंट से पूर्व अपने आईडी बनाने के निर्देश दिये हैं। डा. सोनी ने बताया- मथुरा में आयोजित माइक्रोसाइट लांच इवेन्ट के लिए निजी क्षेत्र से किये गये रजिस्ट्रेशन के मामले में जनपद गौतमबुद्धनगर दूसरे स्थान पर है। यहां अब तक 93 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। पहला स्थान अलीगढ़ का है।

डा. सोनी ने बताया- “माइक्रोसाइट” लांच होने के उपरांत उपचार प्रक्रिया काफी सरल हो जाएगी। इसमें हर मरीज के स्वास्थ्य का इतिहास (हिस्ट्री) दर्ज रहेगा। मरीज जब भी किसी चिकित्सक के पास जाएगा वह अपनी आईडी बताएगा और उसकी सभी बीमारियों के बारे में एक क्लिक पर पूरी जानकारी आ जाएगी। इससे यह भी पता चल जाएगा कि वह कौन-कौन सी बीमारियों का उपचार ले चुका है। किस बीमारी के लिए कौन सी दवा का सेवन किया गया। उन्होंने बताया- इससे मरीज़ों को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उन्हें अनावश्यक लाइन में नहीं लगना पड़ेगा और ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाने में कहीं अधिक सहूलियत होगी। साथ ही मरीज़ों और प्रदाताओं दोनों के समय की बचत होगी। ऑनलाइल अपाइंटमेंट के ज़रिये अस्पताल में डिजिटल भर्ती और डिस्चार्ज की प्रक्रिया सुलभ होगी और मरीजों के स्वास्थ्य संकेतकों को ट्रैक करने की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने बताया- “माइक्रोसाइट” के लिए प्रथम चरण में निजी चिकित्सों के यूनिक आईडी तैयार की जा रही है, इसके बाद मरीजों की यूनिक आईडी तैयार कर साइट से जोड़ी जाएगी।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से देश भर में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को त्वरित रूप से अपनाने के लिए 100 माइक्रोसाइट्स परियोजना की घोषणा के तहत यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मरीज इन सुविधाओं पर उत्पन्न स्वास्थ्य रिकॉर्ड को अपने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खातों (एबीएचए) के साथ जोड़ सकेंगे और अपने फोन पर किसी एबीडीएम-सक्षम व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड (पीएचआर) एप्लिकेशन का उपयोग करके इन रिकॉर्ड को देख और साझा कर सकेंगे।

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