कोलकाता। अयोध्या में राम मंदिर के हालिया ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को भी दूसरों को यह निर्देश देने का अधिकार नहीं है कि उसे किस भगवान की पूजा करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कूचबिहार में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ”वे क्या सोचते हैं कि मैं केवल उस भगवान की पूजा करूं जो वे सुझाएंगे। मैं इसकी अनुमति देने के लिए तैयार नहीं हूं। मैंने रामायण का अध्ययन किया है। मैंने बाइबिल, गुरु ग्रंथ साहिब और त्रिपिटक का भी अध्ययन किया है।”
बनर्जी ने “सीता माता” या “माता कौशल्या” का जिक्र न करने के लिए भी परोक्ष रूप से भाजपा का उपहास उड़ाया।
बनर्जी ने कहा, ”वे उनके बारे में या उनके द्वारा किये गये बलिदान के बारे में कभी नहीं बोलते।”
उन्होंने भाजपा पर पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय धार्मिक स्थलों और धार्मिक त्योहारों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “वे कभी मदन मोहन मंदिर या जलपेश्वर मंदिर के बारे में बात नहीं करते हैं। वे कभी भी दुर्गा पूजा की बात नहीं करते। मैंने यह पहले भी कहा है और मैं इसे फिर से कह रही हूं, धर्म व्यक्तिगत आस्था के बारे में है, लेकिन, त्योहार सभी के लिए हैं।”
बनर्जी ने भाजपा पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्हें “अनावश्यक रूप से निशाना बनाने” का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ”मेरी पार्टी सिर्फ एक फीसदी नेताओं के व्यक्तिगत भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी नहीं लेगी। इसी तरह राज्य सरकार भी जिम्मेदारी नहीं लेगी। अब डकैत हमें चोर कह कर संबोधित कर रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री के रूप में कोई वेतन स्वीकार नहीं करती। मैं एक कप चाय का बिल भी चुकाती हूं। इसलिए झूठ मत बोलो और मुझे चोर मत कहो।”