कानपुर में गंगा में अगर प्रदूषण मिला तो कार्यदायी संस्थाएं होंगी बर्खास्त और अधिकारी जाएंगे जेल

कानपुर। माघ मेले के दौरान गंगा नदी में गंदगी गई तो कार्यदायी संस्था और जिम्मेदार अधिकारी जेल जाएंगे। माघ मेला को लेकर कानपुर में गंगा सफाई की समीक्षा करने पहुंचे नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने अधिकारियों, इंजीनियरों को सख्त निर्देश जारी किए।

उन्होंने चेतावनी दी और कहा कि अगर गंगा की निर्मलता से समझौता किया गया तो कार्यदायी संस्थाएं कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कार्य आवंटन निरस्त करने के साथ ही लापरवाही पाए जाने पर उनके खिलाफ एफआईआर भी की जाएगी। गंगा जी में अगर एक भी नाला गिरा तो अधिकारियों की खैर नहीं होगी।

जल निगम (ग्रामीण) के एमडी डॉ. बलकार सिंह भी उनके साथ समीक्षा बैठक में मौजूद रहे। प्रमुख सचिव ने अधिकारियों से कहा कि माघ मेले के दौरान अविरल-निर्मल गंगा के संकल्प को पूरा करने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने कहा कि गंगा में किसी प्रकार का प्रदूषण न जाए ये हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। नमामि गंगे सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। प्रयागराज और कानपुर में गंगा सफाई को लेकर जो प्रयास हुए हैं, माघ मेले के दौरान उनका असर दिखाई देना चाहिए।

उन्होंने नालों को टैप करने और गंदगी न गिरे इसके लिए किए जा रहे प्रयासों की बारी-बारी से समीक्षा की। नमामि गंगे योजना के तहत चल रहे कार्यों के साथ सीसीमऊ एसटीपी के संचालन की भी जानकारी ली।

इससे पूर्व जल निगम (ग्रामीण) के एमडी डॉ. बलकार सिंह ने गंगा घाटों का निरीक्षण किया। नदी में कहीं गंदगी तो नहीं गिर रही है ,इसका भी उन्होंने मुआयना किया।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने गंगा स्वच्छता कार्यक्रम में लगी कंपनियों पर भी सख्ती करते हुए गंगा में गंदगी को गिरने से रोकने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बिजली चले जाने पर कंपनियां डीजल सेट चलाकर गंगा में गिरने वाली गंदगी को रोकेंगी। नदी में सीवरेज को रोकने के काफी प्रयास किए गए हैं।

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