अयोध्या। अयोध्या में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकाल लिया गया है। पौष शुक्ल द्वादशी दिन सोमवार की दोपहर 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने सोमवार को दी।
उन्होंने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक डॉ. मोहन भगवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष और मणि रामदास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज उपस्थित रहेंगे। इतना ही नहीं देश के विभिन्न क्षेत्रों से मठ-मंदिरों के चार हजार से अधिक संत, महंत और साधु-संन्यासी भी रहेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत की 125 से अधिक परंपराओं तथा उपासना पद्धतियों से जुड़े आचार्य, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित रहेंगे। इनके अलावा सभी 13 अखाड़े, सभी 6 दर्शन और उनके अनुयायी संत महापुरुषों को आमंत्रण भेजा गया है। भारत में जितनी भी विधायें हैं, उनसे जुड़े लगभग 2,500 लोगों को भी न्योता भेज दिया गया है।
चंपत राय ने अपने संदेश कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी इच्छा जताई है कि लोग अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों आदि पर स्वच्छता अभियान चलाएं। यह अभियान 15 जनवरी से शुरु करें और 22 जनवरी तक चलाएं। उन्होंने इसकी वजह भगवान को स्वच्छता प्रिय होना बताया।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को पास-पड़ोस के लोगों के साथ अपने नजदीकी मंदिर में जायें तथा वहां भजन-कीर्तन करें। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर को आनंदोत्सव के रूप में मनाएं। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि आवश्यकता के मुताबिक इन स्थानों पर एलईडी, टीवी लगाएं और दूरदर्शन से होने वाले सीधा प्रसारण से अयोध्या में हो रही प्राण प्रतिष्ठा के सहभागी बनें।
12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थानीय मंदिरों में आरती करें। संबंधित मंदिरों में संबंधित देवी-देवता की ही आरती करें। ऐसा करके हम सभी मंदिरों को जागृत कर सकते हैं। आरती पूरी होने बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें। शाम के समय दीपक जलाएं और घर-आंगन के साथ सृष्टि को आलोकित करें। करोड़ों लोगों के दीपक जलाने का संदेश सारे संसार को जाना चाहिए।