पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक वॉटर वुमेन ने सोत नदी बचाव अभियान में की सहभागिता, बढ़ाया लोगों का उत्साह

बदायूं।

बदायूं जिले में सोत बचाओ अभियान चल रहा है। पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक ने सोत नदी पर पिछले दिनों पौधारोपण किया और आज जल संवाद किया तो, लोगों में उत्साह का संचार हो गया। सोत नदी को बचाने का स्थानीय मुद्दा वॉटर वुमेन की सहभागिता करते ही प्रदेश स्तर पर गूंजने लगा है। सोत नदी को लेकर प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। मानसून से पहले खुदाई कराने की प्रक्रिया चलने लगी है।
पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक देश के कई राज्यों में पौधारोपण और जल संरक्षण को लेकर व्यस्त रहती हैं। व्यस्तता के बीच ही वॉटर वुमेन ने संभल जिले से बदायूं में प्रवेश करने वाली सोत नदी के किनारे स्थित गांव कुंवरपुर में जाकर पिछले दिनों जल संवाद किया था और पौधारोपण अभियान का शुभारंभ किया था। जिले के ककराला और उसहैत क्षेत्र में भी सोत नदी को पुनर्जीवित करने की मांग उठाई जा रही है। वॉटर वुमेन आज कस्बा ककराला पहुँचीं, जहाँ उनका स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत वॉटर वुमेन ने कहा कि सोत नदी की अविरल धारा बहाने में वे अपना योगदान देंगी। उन्होंने कहा कि जब तक सोत के श्रोत नहीं खुल जायेंगे तब तक हम सब मिलकर एकजुटता से कार्य करेंगे और हर हाल में सोत के स्रोत खोल कर रहेंगे।
आंवला लोकसभा क्षेत्र के कस्बा ककराला में सोत नदी बचाव सम्मेलन को संबोधित करते हुये वॉटर वुमेन ने कहा कि वे सोत नदी के संबंध में जलशक्ति मंत्रालय को अवगत करायेंगी और सोत नदी को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करेंगी। कार्यक्रम में अमित अग्रवाल, नाजिम, वारिश पठान, मुस्लिम मास्टर, खालिद महमूद, नवनीत कुमार, सुमित अग्रवाल, अशरफ गुलशन और हामिद अली राजपूत सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुमित अग्रवाल ने किया।

इनसेट
वॉटर वुमेन ने डीएम के निर्णय पर हर्ष जताया
जिलाधिकारी मनोज कुमार ने सोत नदी के किनारे बसे गांवों में मनरेगा के अंतर्गत खुदाई कराने का निर्देश दिया है, इस पर वॉटर वुमेन ने हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि जहाँ भी प्रकृति को लेकर इतने जागरूक और सक्रिय अफसर होते हैं, वहां उनका काम आसान हो जाता है। उन्होंने सुझाव देते हुये कहा कि खुदाई अभियान की प्रति सप्ताह समीक्षा भी की जाये। डीएम की योजना के अनुसार खुदाई हो गई तो, इस मानसून में ही सोत नदी की धारा बहने लगेगी।

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