उप्र में एनकाउंटर व हत्या मामलों की जांच की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर्स के एनकाउंटर और हत्या के मामलों की जांच को लेकर दाखिल याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई करेगा। आज जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान उप्र सरकार और याचिकाकर्ताओं की ओर से एनकाउंटर व हत्या को लेकर दाखिल कई याचिकाओं पर अलग करने की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

आज उप्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सभी याचिकाएं, जो एकसाथ सुनवाई के लिए लगी हैं, दरअसल इनके मामले अलग-अलग हैं। मुस्तकिम और मेराज की हत्या जेल में आपसी दुश्मनी की वजह से हुई जबकि अतीक व अशरफ की हत्या कस्टडी के दौरान मेडिकल के लिए ले जाते समय हॉस्पिटल में हुई थी।

उल्लेखनीय है कि 11 अगस्त को कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से 2017 से अब तक उप्र में हुए एनकाउंटर के मामले में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। अतीक और अशरफ की बहन आयशा नूरी ने हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग का गठन करने की मांग की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका पहले से दायर की जा चुकी है। वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कमेटी बना कर जांच की मांग की है।

विशाल तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को उप्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने उप्र सरकार से पूछा था कि किस हालात में हत्या हुई और हत्या के बाद क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने उप्र सरकार से पूछा था कि अतीक और अशरफ को पैदल परेड करते हुए मेडिकल के लिए क्यों हॉस्पिटल ले जाया गया था। उप्र सरकार को ये भी बताना है कि विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए गठित जस्टिस बीएस चौहान आयोग की रिपोर्ट के आधार पर क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बारे में भी उप्र सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल की रात पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल जांच कराकर लौट रही थी। इसी बीच तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे दोनों की मौके पर मौत हो गई। अतीक अहमद ने मार्च में अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अतीक अहमद ने आशंका जताई थी कि गुजरात से उप्र ले जाते समय उसकी हत्या की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वो गुजरात से उप्र लाया जा चुका था। अतीक अहमद उमेश पाल हत्या मामले में आरोपित था।

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