मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन के आदेशानुसार जनपद मुजफ्फरनगर में अपराधों की रोकथाम व अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे धर पकड अभियान में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के निर्देशन व क्षेत्राधिकारी बुढाना के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक बुढाना आनन्द देव मिश्र के नेत्तत्व में बुढाना पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध लगातार कार्यवाही करते हुए हत्या का सफल अनवारण करते हुए 4 अभियुक्तगण को गिरफ्तार कर आलाकत्ल बरामद किया है।
आपको बता दें कि ग्राम शाहडब्बर के जंगल में सुबह मृतक अनुज राठी पुत्र ओमपाल सिंह निवासी ग्राम शाहडब्बर थाना व तहसील बुढाना जनपद मुजफ्फरनगर उम्र लगभग 25 वर्ष का शव मिलने की सूचना थाना हाजा पर प्राप्त हुई थी। इस सूचना पर तत्काल कार्यवाही करते हुए शव को कब्जे पुलिस में लेकर शव की पंचायतनामा की कार्यवाही करायी गयी थी। दिनांक 25.08.23 को प्रार्थी गौरव राठी पुत्र ओमपाल सिंह निवासी ग्राम शाहडब्बर थाना बुढाना द्वारा तहरीर दी गयी। जिसके सम्बन्ध में थाना बुढाना पर मु0अ0स0-386/23 धारा- 302/201 भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया था। जिसकी विवेचना प्रभारी निरीक्षक द्वारा की जा रही है। मुकदमा उपरोक्त में पतारसी सुरागरसी जारी थी। जिसमें मुखबिर की सूचना पर मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित अभियुक्तगण सोनू उर्फ विजय राठी पुत्र उदयवीर राठी नि० ग्राम शाहडब्बर थाना बुढाना मुजफ्फरनगर, गोविन्द पुत्र सोमपाल नि० उपरोक्त, मोहिन खांन पुत्र इसरार, राजा उर्फ इकरार पुत्र सामीन नि०गण ग्राम मदीनपुर थाना बुढाना मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार किया गया व 1 बाल अपचारी को अभिरक्षा पुलिस में लिया गया गया।
पुलिस पूछताछ के दौरान
अभियुक्त सोनू उर्फ विजय पुत्र उदयवीर राठी निवासी ग्राम शाहडब्बर थाना बुढाना मुजफ्फरनगर द्वारा पूछताछ करने पर बताया कि साहब हमारे बाबा तीन भाई थे एक बाबा बीर सैन थे जिनके कोई लडका नहीं था एक लड़की थी उसकी शादी हो गयी थी बाबा बीर सैन के हिस्से की जमीन को गौरव राठी व अनुज राठी पूरे हिस्से को बोना जोतना कर रहे थे तथा उसका लाभ ले रहे थे मैने कई बार अनुज राठी से कहा कि बीर सैन वाली जमीन में से आधा मुझे भी बोने जोतने के लिए दे दो लेकिन अनुज राठी व गौरव राठी ने मुझे बीर सैन वाली जमीन से कोई हिस्सा नही दिया।
सोनू ने बताया कि उसका विरोध अनुज व उसका भाई गौरव करते थे। कुछ दिन पूर्व भी में अपने खेत से मिट्टी हटाना चाहता था। लेकिन इन लोगो ने उसे भी हटाने से मना कर दिया। हद कुछ ज्यादा ही हो गयी थी। हमने अनुज को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया और दोस्तो को सारी बाते बतायी। सभी मेरे विश्वास पात्र थे और हमारे खेतो मे काम करते थे। योजना के मुताबिक ही हम सब लोग लगभग 14.00 बजे खेत पर पहुंच गये थे जहां अनुज अपने खेतो पर पानी लगा रहा था। मैने आवाज देकर कहा कि आजा कोल्डड्रिंक पीले। इस पर उसने मना किया फिर मैने कहा अरे कोई नही आजा, परिवार में कोई लडाई झगडा नही होता। हम लोग एक ही परिवार के है, इस पर वो आ गया था। मैने उसकी कोल्डड्रिंक में नशे की गोली डाल दी थी जिसे पीकर कुछ देर में ही वो सो हो गया। उसके बाद हम सभी साथी ट्यूबैल के अन्दर कमरे में गये जहां वह खाट पर सो रहा था मैने व बाल अपचारी ने पहले से ही अपने हाथ मे ली हुई रस्सी से दोनों ने मिलकर गले में डाल दी तथा राजा व मोहिन ने अनुज के पैर दबा लिये और गोविन्द बाहर खडा निगरानी करता रहा। उसके बाद हमने उसे गला घोटकर मार दिया और उसकी लाश को छुपाने के उद्देश्य से सबने मिलकर ट्यूबैल के अन्दर कुए मे डाल दिया। और जाते समय रस्सी खेत में फेंक दी थी और हम सब अपने घर चले आये थे। हम सभी ने मोबाइल अपने घर पर ही रखा था। मोबाइल का इस्तेमाल नही किया था। हम सबने आपस मे इस घटना के बारे मे किसी को नही बताने को कहा था।
गिरफ्तारी करने वाली टीम आनन्द देव मिश्र,रविन्द्र सिंह,संदीप कुमार,अमित कुमार,निर्देश कुमार,सुनील कुमार,अकुर,अंकित कुमार,मोनिका खुलासे में मौजूद रहे।