23 नवंबर से  घर-घर खोजे जाएंगे टीबी रोगी एसीएफ अभियान शुरू

       एसीएफ के दौरान 20 प्रतिशत आबादी की होगी स्क्रीनिंग

–       संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर लक्षण युक्त लोगों होगी जांच

–       आवासीय परिसरों में भी चलेगा टीबी रोगी खोज अभियान

 मेरठ। टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए क्षय रोग विभाग निरंतर टीबी के प्रति संवेदीकरण के साथ ही रोगियों को खोजने के प्रयास में जुटा है। विभाग एक बार फिर टीबी रोगियों को खोजने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान शुरू करेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उप्र मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवल ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

 जिला क्षय रोग अधिकारी डा गुलशन राय ने  बताया – मिशन निदेशक के पत्र में माइक्रो प्लान तैयार कर संवेदनशील क्षेत्रों में 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक एसीएफ अभियान संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस विशेष अभियान के तहत जनपद की 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी। टीबी के लक्षण युक्त (संभावित रोगियों) व्यक्तियों की जांच की जाएगी और जांच में टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार शुरू किया जाएगा। डीटीओ को माइक्रो प्लान तैयार कराने के लिए निर्देशित किया गया है।

 स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर टीबी रोगियों को खोजेंगे। विशेष क्षय रोगी खोज अभियान के लिए सीएमओ के निर्देशन में माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा। अभियान में स्वास्थ्य कर्मी संभावित क्षय रोगियों को लक्षणों के आधार पर चिन्हित करेंगे। संभावित क्षय रोगियों की जांच की जाएगी और टीबी की पुष्टि होने पर 48 घंटे के अंदर उपचार शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया- अभियान के दौरान आवासीय परिसरों, जैसे अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसों और छात्रावासों में कैंप आयोजित कर टीबी के प्रति संवेदीकरण किया जाएगा और लक्षण युक्त व्यक्ति के स्पुटम (बलगम) के नमूने एकत्र किए जाएंगे।  

जिला पीपीएम समन्वयक नेहा सक्सेना  ने बताया – अभियान के दौरान माइक्रोप्लान के मुताबिक संवेदनशील क्षेत्रों ( घनी बस्ती और स्लम एरिया) को कवर करते हुए जनपद की 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में मिलने वाले लक्षण युक्त व्यक्तियों की जांच की जाएगी। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर हर रोगी की सीबीनॉट जांच कराई जाएगी ताकि उसके लिए सटीक दवा का निर्धारण करने में आसानी हो। इसके साथ ही सभी रोगियों की शुगर और एचआईवी जांच भी की जाएगी और पूरा डेटा निक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने बताया – वर्तमान में जनपद में कुल 14216 क्षय रोगी खोजे गये।जिसमें 5965प्राइवेट अस्पतालों में तलाश किये गये जबकि   8251 सरकारी विभाग द्वारा तलाश किए गये है। इसमें से 65 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके है। जबकि अन्य का निशुल्क उपचार किया जा रहा है।

 लक्षित क्षेत्र 

 मलिन बस्ती 

 हाई रिस्क जनसंख्या – एचआईवी एवं डायबिटीज 

 अनाथालय ,वृद्धाआश्रम ,नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा ,नवोदय विद्यालय 

कारागार

चिन्हि्त समूहों ,सब्जी मंडी ,फल मंडी, लेबर मार्केट 

 निर्माणधीन प्रोजेक्ट, ईंट भटटे, स्टोन क्रेशर, खदान , 

 साप्ताहिक मार्केट बाजार इत्यादि 

टीबी के लक्षण 

 दो सप्ताह से अधिक खांसी

 दो सप्ताह से अधिक बुखार

 बलगम में खून आना

 भूख में कमी होना

 वजन कम होना

 रात के समय पसीना आना

 गले में गांठ होना

 महिलाओं में बांझपन की समस्या होना 

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