चकरोड व दलित बस्ती के रास्ते पर दबंग व्यक्ति का कब्जा, राजस्व अभिलेखों में दर्ज है चकरोड ओर रास्ता

– चकरोड़ व रास्ते की भूमि को जोतकर खेत में मिलाया, चकरोड़ पर किया अवैध निर्माण

– एन्टी भू-माफिया पोर्टल पर शिकायत के बाद भी नही हुई भू-माफिया के खिलाफ कार्यवाही

गढ़मुक्तेश्वर।राजस्व अभिलेखों में दर्ज सरकारी चकरोड व दलित बस्ती में जाने वाले रास्ते को जोतकर कृषि भूमि में मिला कर दबंग व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर रास्ता अवरुद्ध करने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों के द्वारा अवैध कब्जे की शिकायत करने व अवैध कब्जा हटाने को कहने पर दबंग व्यक्ति द्वारा राजनीतिक पहुच दिखाने व ग्रामीणों को झूठे मुकद्दमे में फसाने डर दिखा कर ग्रमीणों की आवाज को भी दबाया जा रहा है। दबंग व्यक्ति द्वारा चकरोड व दलित बस्ती में जाने वाले रास्ते को जोतकर खेत मे मिलाने व अवैध कब्जे की शिकायत एक समाज सेवी व ग्राम प्रधान द्वारा उप जिलाधिकारी गढ़मुक्तेश्वर से की गई है। जिस पर जिला प्रशासन द्वारा भी रास्ते व चकरोड को कब्जा मुक्त नही कराया गया है।

बताते चले कि गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र के ग्राम मुरादपुर जनुपुरा के ग्राम प्रधान राजू व एक समाज सेवी मदन मोहन ने एसडीएम गढ़मुक्तेश्वर को शिकायती पत्र दिया गया व एंटी भू-माफिया पोर्टल पर शिकायत भी की गई। जिसमें बताया गया कि ग्राम मुरादपुर जनुपुरा में एक चकरोड खसरा नम्बर 142 पर सरकारी अभिलेखों में दर्ज है। जिसकी पुष्टि सरकारी अभिलेख व लेखपाल की रिपोर्ट भी करती है। जिस पर गांव के ही एक दबंग व्यक्ति द्वारा चकरोड़ व रास्ते की भूमि को जोतकर खेत मे मिलाने व चकरोड़ पर अवैध निर्माण कर घर बनाया हुआ है, यहा तक कि रास्ते की भूमि व चकरोड़ पर तारबन्दी भी कर दी गई है, जिसकी कई बार उक्त व्यक्तियों द्वारा शिकायत भी की गई लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक न तो चकरोड़ को ही कब्जा मुक्त कराया गया और न ही रास्तें की भूमि से ही कब्जा हटाकर रास्ते की ही चोड़ा कराया गया। ग्राम प्रधान राजू व समाज सेवी मदन मोहन का कहना है कि इस चकरोड़ से दलित बस्ती में आना जाना व पंचायती घर के परिसर में बने ग्राम प्रधान कार्यालय, ग्राम सचिव कार्यालय व अन्य कार्यालयों पर पहुंचा जाता है। बल्कि इन्ही रास्तो से बडे वाहन भी निकतले रहते थे, लेकिन इस चकरोड़ व रास्ते पर दबंग व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से कब्जा करने के  उपरांत दलित बस्ती में ग्रामीणों व दुपहिया वाहनों को संकरी गलियों से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में ग्रामीण चकरोड़ से होकर नहीं निकल पा रहे हैं। जब अवैध कब्जाधारक से चकरोड खाली करने के लिए कहा जाता है तो वह राजनीतिक पहुंच दिखाकर व पुलिस द्वारा झूठे मुकददमों में फसाने का डर ग्रामीणों को दिखाकर उनकी आवाज को भी दबा देता है। शिकायतों के बावजूद भी प्रशासन द्वारा चकरोड से अतिक्रमण नही हटवाया गया।

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