आसमान पर गरज रहे रॉकेट, इजरायल के 300 और फिलिस्तीन के 200 से ज्यादा नागरिकों की मौत

तेल अवीव (इजरायल)। गाजा पट्टी में बढ़े तनाव के बीच इजरायल पर हमास के आतंकवादियों ने बड़ी संख्या में रॉकेट दागे हैं। इजरायल के चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, अब तक के सबसे भीषण आतंकवादी हमले में 300 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। इसके अलावा 1590 घायलों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे आक्रमण बताया है। उन्होंने कहा है हमास को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उधर, इजरायल के जवाबी आक्रमण में 200 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई। दोनों ओर से आज सुबह भी आसमान पर मिसाइल और रॉकेट गरज रहे हैं। इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज बैठक आहूत की है। इस बीच भारत ने अपने नागरिकों के लिए परामर्श जारी किया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हमास ने गाजा से शनिवार सुबह कुछ-कुछ समय के अंतराल पर इजरायली शहरों पर ताबड़तोड़ करीब 5,000 से ज्यादा रॉकेट दागे। बड़े युद्ध की आशंका को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज (रविवार) आपात बैठक आहूत की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने हमास के हमले की निंदा की है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बेंजामिन नेतन्याहू से दूरसंचार वार्ता में हर तरह की मदद देने का भरोसा दिया है। बाइडन ने कहा है कि अमेरिका, इजरायल के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा है।



ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने हमास के हमले की निंदा करते हुए कहा कि इजरायल को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। ब्रिटेन उसके साथ है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि वह इस हमले से स्तब्ध हैं। कतर के विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।ईरान समर्थित आतंकी संगठन हिज्बुल्ला ने हमास के हमले का समर्थन किया है। सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास ने कहा है कि उसने यरुशलम में अप्रैल में अल-अक्सा मस्जिद को अपवित्र करने का बदला लिया है। उसने कहा है कि इजरायल की फौज ने क्रूरता की सारी हद लांघ दी है। हमास के प्रवक्ता गाजी हमाद ने अरब देशों से अपील है कि वह इजरायल से अपने सभी रिश्ते खत्म कर दें। इजरायल एक अच्छा पड़ोसी और शांत देश कभी नहीं हो सकता।

उधर, इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि सुरक्षा कैबिनेट ने हमास और इस्लामिक जिहाद की सैन्य और सरकारी क्षमताओं को नष्ट करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। हमास को अब जमींदोज किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजरायल की सेना दक्षिण के कुछ हिस्सों में हमास का मुकाबला कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजरायल में इस समय करीब 18 हजार भारतीय रह रहे हैं। इनमें करीब 900 विद्यार्थी हैं। इसके अलावा जर्मनी की एयरलाइन लुफ्थांसा ने इजरायल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए तेल अवीव से आने और जाने वाली अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में इजरायल के सैन्य प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि हमास के आतंकियों ने गाजा में उनके नागरिकों और सैनिकों को बंधक बना लिया है।



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल के दक्षिण में अभूतपूर्व युद्ध जैसे हालात को देखते हुए इजरायल और फलस्तीन स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और सुरक्षा नियमों का पालन करने की सलाह दी है। दूतावास ने अपने परामर्श में कहा है कि इजरायल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे सतर्क रहें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा नियमों का पालन करें।अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षित स्थलों के करीब रहें।



काबिलेगौर है कि हमास फिलिस्तीन का कट्टर इस्लामिक आतंकवादी संगठन है। इसका मकसद इजरायल के नियंत्रण से वेस्ट बैंक और अल-अक्शा मस्जिद को आजाद करवाना है। यह संगठन फिलिस्तीन के कई इस्लामिक समूहों में सबसे प्रभावशाली है। मौजूदा हमास की पैदाइश 1980 के दशक की है। इसने अपनी मौजूदगी का पहला अहसास 1987 में इजरायल के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) की अगुवाई की घोषणा कर कराया था।

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