नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में आरोपित बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को जमानत दे दी। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी यादव को पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी आज कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने 22 सितंबर को सीबीआई की दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने सभी आरोपितों को चार अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया था। तीन जुलाई को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
सीबीआई ने पूरक चार्जशीट में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया है। सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल की थी। 15 मार्च को कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को जमानत दी थी। कोर्ट ने 27 फरवरी को तीनों आरोपितों समेत सभी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सात अक्टूबर, 2022 को रेलवे भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव , राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
रेलवे भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था। भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे। रेलवे भर्ती घोटाला लालू यादव के रेलमंत्री रहने के दौरान का है। भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। आरोप है कि लालू के रेलमंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था। नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था।
भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे। सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापा मारा था। सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।