मेरठ। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। हरिद्वार से गंगा जल लेकर आ रहे शिव भक्तों व कांवड़ मार्ग पर लगे शिविरों में विभाग के कर्मचारी जागरूकता अभियान चला रहे है। शिव भक्तों को रोक-रोक कर भी टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने बताया- जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में जनपद में कांवड़ मेले में शिवभक्त कांवड़ियों को टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। शिविरों और कांवड़ मार्ग पर बैनर पोस्टर लगाकर जागरूक किया जा रहा है। शुक्रवार को जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर शबाना बेगम ने तीन शिविरों में जाकर कांवड़ियों को टीबी की जानकारी दी।
कार्यक्रम में शबाना बेगम ने टीबी के लक्षण, जांच व उपचार और निक्षय पोषण योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा सभी को सुबह का नाश्ता व समय से खाना जरूर खाना चाहिए। उन्होंने बताया यदि किसी को दो हफ्ते से अधिक खांसी हो, सोते समय पसीना आता हो, वजन कम हो रहा हो या भूख कम लग रही हो, तो यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण नजर आने पर टीबी की जांच जरूर करानी चाहिए। जांच के दौरान टीबी की पुष्टि होती है तो उसका विभाग की ओर से इलाज किया जाता है। इसके अलावा भारत सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत अच्छे पोषण के लिए ₹500 प्रति महीना इलाज के दौरान मरीज को दिये जाते हैं। यह राशि मरीज के खाते में भेजे जाते हैं। जागरूकता कार्यक्रम में धर्मेंद्र सिन्हा, रजनीश सिंघल, देवेंद्र शर्मा, राजीव पांडे,अशोक गोला,राजीव गोस्वामी ,पंडित परमेश मोहन अग्रवाल, जितेंद्र चमोली,सौरव दत्ता अतुल का सराहनीय योगदान रहा।