मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस समय माफियाओं की कमर तोड़ कर उनका सफाया करने में जुटी है। जिसके चलते मंगलवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी सुशील मूंछ की अवैध तरीके से अर्जित की गई तकरीबन 90 करोड़ की संपत्ति पर जिला प्रशासन द्वारा जप्तीकरण की कार्रवाई की गई है।
आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व भी मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने सुशील मूंछ के एक रिश्तेदार की तकरीबन 10 करोड रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। यानिकि अब तक अपराधी सुशील मूंछ की कुल 90 करोड की संपत्ति को पुलिस ने जप्त करने की कार्रवाई की है।
जानकारी के मुताबिक कुख्यात अपराधी सुशील मूंछ पर तकरीबन 49 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और इस समय वह जमानत पर बाहर चल रहा है।
इस बारे में आज एक प्रेस वार्ता करते हुए मुजफ्फरनगर जनपद के एसपी संजीव सुमन ने बताया कि प्रदेश सरकार से चयनित सुशील मूंछ की आज लगभग 90 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है। जिसमें माफियाओं की कमर तोड़नी है वो चाहे प्रॉसीक्यूशन हो या मुकदमे हो या चाहे वह उनके फाइनैंशल संपत्ति पर चोट करने की बात हो। आज मुजफ्फरनगर पुलिस ने हमारे सीनियर्स की प्रेरणा से दो-तीन महीने के अथक प्रयासों के बाद लगभग 90 करोड की संपत्ति सुशील मूछ की कुर्क की हैं। जो उसने अपने रिश्तेदारों के नाम से साइफन ऑफ कर रखी थी। इस पर बहुत ज्यादा काम किया गया है और टोटल मिलाकर के आज उसकी 15 संपत्तियां कुर्क हो गई हैं, जिसमें अलग-अलग थाना क्षेत्र में कई सारी जमीनें हैं और कुछ जमीने बहुत ज्यादा महंगी है, तो कुछ जमीने स्कूल के नाम पर है, कुछ जगह पेट्रोल पंप है, जिलको आज कुर्क करने का आदेश हुआ है। 1 से 2 दिनों में उन संपत्तियों पर नगाड़ा बजाकर उनको कुर्क किया जाएगा। और पूरे क्षेत्र में इसका प्रचार व प्रसार किया जाएगा। अब माफिया राज समाप्त हो चुका है और अगर किसी भी प्रकार के माफिया गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करते हैं तो उस पर हम कार्रवाई करेंगे। सुशील मूंछ फिलहाल अभी जमानत पर है, उस पर जितने भी आपराधिक मुकदमे हैं उन सबकी हम जज्बे अभियोजन के माध्यम से प्रभावी पैरवी कर रहे हैं। इसमें डायरेक्ट कोई राजनेता के नाम से लिंक नहीं है, यह इनका पारिवारिक लिंक है और जो भी इनके लिंक है इन्होंने परिवार के नाम से साइबर ऑफ किए हैं एवं परिवार के विभिन्न लोग हैं। इनके नाम से फर्जी पैन कार्ड बने हुए हैं और एक-एक व्यक्ति के दो-दो तीन-तीन फर्जी पैन कार्ड बने हुए हैं।
इन पैन कार्ड के माध्यम से मनी को साइबर ऑफ किया गया है। उन्होंने साइबर ऑफ करने के लिए एक ही व्यक्ति के मल्टी पैन कार्ड बनवाएं और पैन कार्ड के माध्यम से अलग-अलग संपत्ति खरीदी थी। जहा उन सभी के लिए एक मुकदमा 2020 में भी पंजीकृत हुआ था। फर्जी पैन कार्ड का लेकिन उससे लिंग संपत्तियां आज हम ढूंढ पाए हैं।