यूरोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को अब मेरठ में ही मिलेंगी सुविधाएं
मेरठ। अब मेरठ में यूरोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी और किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों को शहर में ही सुविधाएं मिलेंगी। उन्हें अब दिल्ली व आसपास के राज्यों में नहीं जाना होगा। मैक्स ने मेरठ में ओपीडी की सेवा आरंभ की है।
यूरोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर पवन केसरवानी ने बताया ओपीडी में हर महीने के पहले बुधवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ओपीडी में मरीजों को देखेंगे।
उन्होंने बताया कि पुरुषों में कई तरह की मूत्र संबंधी बीमारियां होती हैं जो यूरिनरी ट्रैक्ट और रिप्रोडक्टिव सिस्टम को प्रभावित कर सकती हैं। पुरुषों में सबसे ज्यादा होने वाली मूत्र संबंधी समस्याओं में सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच), इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी), गुर्दे की पथरी, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई), प्रोस्टेट से संबंधित समस्याएं जैसे प्रोस्टेटाइटिस या प्रोस्टेट कैंसर शामिल हैं। पुरुषों में इस तरह की परेशानियों को बढ़ने से रोकने के लिए लगातार यूरोलॉजिकल चेकअप और शुरुआती फेज में ही रोग का पता लगाने की आवश्यकता है।रोबोटिक तकनीक ने मूत्र संबंधी बीमारियों के इलाज के पूरे स्पेक्ट्रम को बदल दिया है। सर्जन आसपास की संरचनाओं और नसों को संरक्षित करते हुए पूरे प्रोस्टेट को ठीक से हटाने में सक्षम हो गए हैं. ऐसा होने से मूत्र असंयम और इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा कम हो जाता है। गुर्दे की पथरी से जुड़े मामलों के इलाज के लिए रेट्रोग्रेड इंट्रारेनल सर्जरी को (आरआईआरएस) और परक्यूटेनियस नेफ्रोस्टोलिथोटॉमी (पीसीएनएल) ने डे केयर सर्जरी बना दिया है। महिलाओं की यूरोलॉजिकल समस्याओं के मामले में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मूत्र असंयम और पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स जैसी समस्याओं के इलाज में सुधार हुआ है। उदाहरण के लिए, रोबोट-असिस्टेड सैक्रोकोलपोपेक्सी से मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया के तहत बेहतर शारीरिक परिणामों के साथ प्रोलैप्स रिपेयरिंग की जाती है। किडनी फेल के बढ़ रहे मामलों के बीच मैक्स हेल्थकेयर ने मेरठ में यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट की ओपीडी का शुभारंभ कर यहां के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.