मुजफ्फरनगर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महावीर सिंह फौजदार के निर्देशानुसार आज जिला मुजफ्फरनगर के समस्त नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया गया जिसमें जिला अर्बन हेल्थ कॉर्डिनेटर कमल कुमार, डी.पी.एम विपिन कुमार , एफ.पी. काउंसलर अंबिका एवं सहयोगी संस्था पी एस आई इंडिया से कोमल घई मैनेजर, शोभित फील्ड प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के साथ साथ आगनवाड़ी व आशा का भी योगदान रहा।
नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरवट और रामपुरी के स्टाफ द्वारा बताया गया कि मासिक धर्म यानी पीरियड्स मातृत्व क्षमता का सूचक है। महिलाओं के शरीर में हर महीने होने वाली यह प्राकृतिक क्रिया इस बात का सूचक है कि आप मां बनने के योग्य हैं। हालांकि समाज में महावारी को लेकर फैले मिथ्य और भ्रम के चलते मेंसुरेशन हाइजीन एक बड़ा गंभीर विषय रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है इसमें बरती जाने वाली किसी भी तरह की लापरवाही आपके लिए समस्याएं बढ़ा सकती है।
इसी बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। मासिक धर्म को जीवन का एक सामान्य फैक्ट बनाना।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बचपन से ही मासिक धर्म से जुड़ी सही जानकारी और इससे संबंधित स्वच्छता के उपायों के बारे में लोगों को बताना बहुत आवश्यक है। स्वच्छता का ध्यान न रखने के कारण जननांगों में खुजली-जलन, मूत्र पथ का संक्रमण (यूटीआई) और गंभीर स्थितियों में किडनी की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है। इन सब समस्याओं से बचाव के लिए कुछ सामान्य सी बातों का ध्यान रखना आपके लिए मददगार हो सकता है। आइए आगे इस बारे में जानते हैं।
सैनिटरी नैपकिन को समय-समय पर बदलते रहें
मासिक धर्म के दौरान शरीर से गंदा रक्त निकलता है जिसे सैनिटरी नैपकिन अवशोषित करती रहती है। इस दौरान शरीर कई प्रकार के संक्रमण के प्रति अति संवेदशील हो जाता है। ऐसे में ज्यादा देर तक एक ही पैड के इस्तेमाल से जननांगों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इन दिक्कतों से बचे रहने के लिए सैनिटरी नैपकिन को समय-समय पर बदलते रहें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखते हुए हर 3-4 घंटे पर पैड को जरूर बदलें।
जननांगों की साफ-सफाई का रखें ध्यान
मासिक धर्म के दौरान जननांगों की साफ-सफाई बहुत आवश्यक हो जाती है, ऐसा करके आप संक्रमण के जोखिम को कम कर सकती हैं। सैनिटरी नैपकिन को हटाने के बाद भी बैक्टीरिया शरीर से चिपके रह सकते हैं। ज्यादातर लोग कैमिकल युक्त उत्पादों को जननांगों की साफ-सफाई के लिए प्रयोग में लाते रहते हैं, हालांकि इसे विशेषज्ञ सही तरीका नहीं मानते हैं। हर बार साफ पानी से अच्छी तरह से जननांगों की साफ-सफाई करें।
सैनिटरी नैपकिन का सही तरीके से डिस्पोजल जरूरी है
हर बार पैड के इस्तेमाल के बाद इसे सही तरीके से डिस्पोज करना आवश्यक होता है। सैनिटरी नैपकिन को अच्छी तरह से कागज में लपेटकर ही कूड़ेदान में डालें और फिर हाथों को साफ करना न भूलें। उपयोग किए गए सैनिटरी नैपकिन को खुले में फेंकने से कीटाणुओं और बीमारियों के फैलने का खतरा हो सकता है। नैपकिन्स को टॉयलेट में फ्लश न करें। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। व स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।