नई दिल्ली। कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बरार की मौत की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि लॉरेंस गैंग के सबसे खास गुर्गों में शामिल गोल्डी को अमेरिका में गोलियों से भून दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि उसकी हत्या की जिम्मेदारी उसके विरोधी गैंग के डल्ला-लखबीर ने ली है। हालांकि गोल्डी बरार की मौत की अधिकारिक पुष्ट अभी नहीं हाे सकी है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य संदिग्ध के तौर पर गोल्डी बरार की पंजाब पुलिस के साथ अन्य राज्यों की पुलिस को भी तलाश थी। कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार की ओर से गोल्डी को आतंकवादी घोषित किया था।
गोल्डी बराड़ का जन्म 11 अप्रैल 1994 को शमशेर सिंह और प्रीतपाल कौर के घर हुआ। वह पंजाब के मुक्तसर साहिब का रहने वाला है। गोल्डी बराड़ के पिता पुलिस में कार्यरत थे। गोल्डी बराड़ के खिलाफ नेताओं का धमकी भरे फोन, फिरौती की मांग, कई हत्याओं की जिम्मेदारी लेने को लेकर मामले दर्ज हैं।
गुरलाल बराड़ जो गोल्डी बराड़ का चचेड़ा भाई था, उसकी हत्या के बाद गोल्डी ने अपराध का रास्ता चुना और कई गैंगस्टर्स के संपर्क में आने लगा। कनाडा के ब्रैम्पटन में रहने वाला गोल्डी बराड़ खालिस्तानी आतंकवादी समूह बब्जर से जुड़ा था। केंद्रीय मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसर गोल्डी बराड़ शार्प-शूटरों की आपूर्ति के अलावा सीमा पार से गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री की तस्करी के अलावा हत्या करने के सभी सामानों की आपूर्ति करता था। इंटरपोल सेक्रेटेरिएट जनरल (आईपीएसजी), फ्रांस की ओर से गोल्डी बराड़ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका था। उसके खिलाफ 15 जून 2022 को लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। इसके बाद 12 दिसंबर 2022 को गोल्डी बराड़ के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। गोल्डी बराड़ साल 2023 में कनाडा के मोस्ट वांटेड की लिस्ट में 15 वें स्थान पर था। उसे हत्या, हत्या की साजिश, हथियार तस्करी के लिए पुलिस खोज रही थी।