मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में सीएचसी सिसौली पर आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किया। उन्होंने ग्राम वासियों को मानसिक रोग से बचाव हेतु प्रेरित किया गया।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने बताया कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, बेहतर है कि समस्या का समाधान निकाला जाए और समाज में इसके प्रति जागरुता लाई जाए।
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि आत्महत्या एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमे मनोविकार की स्थिति चरम स्तर तक पहुंच जाती है और इस दौरान व्यक्ति अपने जीवन को खत्म करने की कोशिश करता है।
इलाज से पूरी तरह से ठीक हो सकता है मानसिक रोगः डॉ. अर्पण जैन
मनोचिकित्सक डॉ. अर्पण जैन ने बताया कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर 15-29 साल के लोग शामिल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर किशोर और युवा उम्र के लोग हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई भी मानसिक समस्या परेशान करती है तो वह अस्पताल में आकर इलाज करवा सकता है जिससे वह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
साईकोथेरेपिस्ट मनोज कुमार ने बताया कि आत्महत्या एक दुर्घटना है जिसका समाज एवं समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जरुरी है कि समस्याओं समझे और समाधान तलाशे। उन्होंने कहा कि आत्महत्या के प्रति जागरुकता लाना जरुरी है। जिससे आत्महत्या जैसे कंलक को रोका जा सकता है।
सिसौली सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक ओपी जायसवाल ने बताया कि आज आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन किया गया और कैंप में आए सभी मानसिक रोगियों को डिप्रेशन से बचने में मानसिक समस्याओं के उपचार हेतु उपचारित किया गया। साथ ही उन्हें मानसिक रोगों से बचाव हेतु परामर्श दिया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य जिला चिकित्सालय नोडल अधिकारी डॉक्टर प्रशांत कुमार, चिकित्सा अधीक्षक ओपी जायसवाल, सीएससी सिसौली अधीक्षक संजीव साहू, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक अमित कुमार तायल, ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर रमेश सिंह व अन्य प्रतिभागी उपस्थित रहे।