आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा की अदालत से इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया को उपद्रव और तोड़फोड़ के एक मामले में एमपी/एमएलए के लिए विशेष न्यायालय द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा पर रोक लगा दी है।
जिला न्यायाधीश विवेक संगल ने सोमवार को कठेरिया को राहत प्रदान करते हुए दो दिन पूर्व एमपी/एमएलए (सांसद/विधायक) के लिए विशेष अदालत द्वारा सुनाई गयी सजा पर रोक लगा दी। न्यायाधीश संगल ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 11 सितंंबर की तिथि तय की है।
इस मामले में भाजपा सांसद ने जिला जज आगरा के न्यायालय में अपील की, जहां से उन्हें राहत मिल गई है। दो साल की सजा का आदेश अगली सुनवाई तक निलंबित कर दिया गया है। अगली सुनवाई की तारीख 11 सितंबर दी गई है। यह खबर मिलते ही उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके आवास पर समर्थकों ने मिठाई बांटकर कर खुशी जताई।
ज्ञात हो कि विशेष अदालत ने पांच अगस्त को कठेरिया को 2011 के बलवा और तोडफ़ोड़ के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 51,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
कठेरिया आगरा से दो बार सांसद रहे हैं। वह केंद्र में मंत्री और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एसएसी/एसटी) आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस समय वह इटावा से भाजपा के सांसद हैं।
यह मामला हरिपर्वत थाना क्षेत्र के साकेत माॅल का है। यहां स्थित टोरेंट के सतर्कता कार्यालय (विद्युत चोरी निवारण कार्यालय) पर 16 नवंबर 2011 को पूर्व एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया पहुंचे थे। उनके साथ करीब 10-15 समर्थक थे। यहां पर मैनेजर भावेश रसिकलाल शाह बिजली चोरी से संंबधित मामलों की सुनवाई एवं निस्तारण कर रहे थे। इसी दौरान सांसद रामशंकर कठेरिया के साथ आए समर्थकों नें भावेश रसिकलाल शाह के कार्यालय में घुसकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। इससें उन्हें काफी चोटें आईं। भावेश की तहरीर पर सांसद एवं उनके अज्ञात समर्थकों के विरुद्ध धारा 147 एवं 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में हरिपर्वत थाना पुलिस ने अदालत में सांसद के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया। मामले में गवाही एवं बहस के बाद शनिवार को फैसला सुनाया गया।