मुजफ्फरनगर। बच्चों के हाथों में औजार नहीं किताबें होनी चाहिए, क्योंकि बच्चें ही देश का भविष्य होते है। यह विचार है ग्रामीण समाज विकास केंद्र के सचिव मेहर चंद का। उन्होंने बताया कि बच्चों को ट्रैफिकिंग और बाल मजदूरी, बाल श्रम और बाल विवाह के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण समाज विकास केंद्र द्वारा लगातार जमीनी स्तर पर कार्य किए जा रहे है। खतौली और जानसठ ब्लॉक में घर-घर दस्तक देकर लोगों को जागररुक किया जा रहा है तो वहीं खतौली और जानसठ ब्लॉक के सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों में जागरुकता कार्यक्रम किए जा रहे है ताकि लोगों में जागरुकता बढ़े और लोग समाज में फैली इस बुराई के खिलाफ अडिग हो।
ग्रामीण समाज विकास केंद्र के सचिव मेहरचंद ने बताया कि संस्था का उद्देश्य सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करना है संस्था का प्रत्येक सदस्य इसके लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि खतौली और जानसठ ब्लॉक के 50 गांव में संस्था द्वारा जो सामाजिक बुराईयों के खिलाफ जो जंग छेड़ी गई है वह लगातार जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक करीब घरों करीब 2 हजार का सर्वे कराया जा चुका है और करीब 50 प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में जागरुकता कार्यक्रम किए है। इस दौरान हजारों स्कूली बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों को भी इस बुराई को जड़ से खत्म करने की शपथ दिलाई गई है।
उन्होंने बताया कि खतौली ब्लॉक में जनता आदर्श पब्लिक स्कूल, मुन्ना लाल बालिका मेमोरियल इंटर कॉलेज, चांद समंद में उच्च प्राथमिक विद्यालय, टिटोडा में उच्च प्राथमिक कमपोजिट विद्यालय, टिटोडा में यू आर पब्लिक स्कूल आदि कई स्कूलों में जागरुकता कार्यक्रम किए गए, जिन्होंने बढ़-चढ़कर कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके साथ ही खतौली और जानसठ ब्लॉक के 50 गांवों में फिल्ड मोबिलाइजर घर-घर दस्तक देकर लोगों को जागरुकता संदेश दे रहे है।