बुलंदशहर। शुक्रवार को दीपक चौधरी किसान नेता निवासी गांव सलेमपुर ने बताया है कि आज का दिन मेरे जीवन का सबसे स्वर्णिम दिन रहा है सन् 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में 3 जाट रेजिमेंट में रहते हुए मेरे दादा जी शहीद सिपाही चौधरी मेघराज सिंह जनपद बुलंदशहर के शिकारपुर तहसील क्षेत्र के गांव सलेमपुर के रहने वाले थे जिन्होंने लाहौर में घुसकर दुश्मन का सफाया करते हुए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया था उन्हीं के आशीर्वाद से आज मुझे सेना के बुलावे पर अमर जवान ज्योति वार मेमोरियल दिल्ली पहुंचकर दादा जी समेत उन सभी अमर शहीदों को रीट (पुष्प चक्र) चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ इस दौरान वार मेमोरियल में अंकित अपने दादाजी के नाम को देखकर सीना गर्व से चौड़ा हो गया और अधिक फक्र तब हुआ जब मुझे पता चला कि जिस पथ पर में चलकर जा रहा हूं उस पथ पर सिर्फ देश के महामहिम राष्ट्रपति,,उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री एवं वीर नारी एवं परिवारजनों को ही आने की अनुमति दी जाती है भारतीय सेना का बारम्बार धन्यवाद आभार व्यक्त करता हूं ,,जिनके आशीर्वाद से मुझे उन सभी अमर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ जिन्होंने आजादी के बाद भारत देश की आन,, बान ,,और शान के लिए लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान इस देश के लिए दिया कार्यक्रम के उपरांत कर्नल साहब के हाथों से स्मृति चिन्ह लेते हुए मन काफी प्रफुल्लित हो उठा।