प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत 1540 प्रसव पूर्व जांच हुईं
86 एचआरपी चिन्हित हुई ,38 गर्भवती महिलाओं को लगाया आयरन सुक्रोज इंजेक्शन
मेरठ। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए शुरू किया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) गर्भवती महिलाओं के लिए किसी वरदान साबित हो रहा है।जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत 1540गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी।इस दौरान 86 गर्भवती महिलाएं एचआरपी चिन्हित की गयी। जब कि 38 गर्भवती महिलाओं को आयरन सुक्रोज इंजेक्शन लगाया गया।
अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. कांति प्रसाद ने बताया – अभियान के तहत हर माह एक, नौ, 16 और 24 तारीख को प्रसव पूर्व जांच (एंटी नेटल केयर-एएनसी) की जाती है। जिसके अंतर्गत गर्भवती की पेशाब और रक्त की जांच के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है। जरूरत पड़ने पर गर्भवती को एएनसी के लिए एंबुलेंस सुविधा भी दी जाती है।
नोडल अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान गर्भवती को शारीरिक और मानसिक बदलावों की जानकारी देने के साथ ही खानपान को लेकर भी काउंसलिंग की जाती है, साथ ही कैल्शियम और आयरन सप्लीमेंट क्यों जरूरी हैं, यह भी बताया जाता है। गर्भकाल में महिला को अच्छे खानपान की जरूरत होती है, क्योंकि गर्भ में पल रहा शिशु भी मां के शरीर से ही अपना पोषण प्राप्त करता है।
उन्होंने गर्भवती पीएमएसएमए का लाभ उठाएं। जरूरत पड़ने पर सरकार एंबुलेंस की सुविधा भी लें। गर्भवती को प्रसव के लिए ले जाना है तो एंबुलेंस के लिए 102 नंबर पर कॉल करें। प्रसव अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर कराएं। निजी क्षेत्र में जाना हो तो केवल प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में ही प्रसव कराएं।
जिला स्वास्थ्य परामर्शदाता इलमा अजीम ने बताया पीएमएसएमए के पहली तिमाही में कम से कम एक एएनसी होनी आवश्यक होती है। गर्भवती को सलाह दी जाती है कि वह गर्भकाल के दौरान चार एएनसी कराएं ताकि मां और बच्चे के स्वास्थ्य की नियमित रूप से मॉनिटरिंग होती रहे । पीएमएसएमए के दौरान एएनसी करने का उद्देश्य एचआरपी चिन्हित कर उनका समय से प्रबंधन करना है ताकि प्रसव के समय होने वाले खतरे से बचा जा सके।