अक्षय तृतीया पर बाल विवाह जागरुकता कार्यक्रम का आगाज

मुजफ्फरनगर। हम सबने ठाना है, बाल विवाह मिटाना है, इसी मुहीम को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को ग्रामीण समाज विकास केंद्र द्वारा अक्षय तृतीया के उपलक्ष में अलमासपुर चौक स्थित एमआर पब्लिक स्कूल में बाल विवाह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रीना देवी ने किया। इस दौरान स्कूल की प्रधानाचार्या गौरी राजवंशी ने बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष को पटका पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में नन्हें-मुन्नें बच्चों ने शानदार प्रस्तुती देकर सबका मन मोह लिया, और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को खत्म करने की शपथ ली। इस दौरान बच्चों ने नुक्कड नाटक के माध्यम से समझाया कि बच्चों के लिए शिक्षा का कितना महत्व है, और बाल विवाह कितना घातक हो सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रीना देवी ने बताया किशोरी और महिलाओं को सशक्त करने के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं चल रही है, जिससे महिला बेटियां आगे बढ़ रही है। बेटी को अब डरने की जरूरत नहीं है, उसके लिए कानून की व्यवस्था भी किया गया है, जिससे वह मदद लेकर आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिले में कहीं भी कोई बाल विवाह की सूचना मिले तो तुरंत इसकी सूचना 1098 पर दें, ताकि समय रहते बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ होने बचाया जा सके।
स्कूल की प्राधानाचार्या गौरी राजवंशी ने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिसको रोकने के लिए सभी वर्ग के लोगों को विशेषकर महिलाओं को आगे आना होगा। आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में जैसे खेल के क्षेत्र में, विज्ञान के क्षेत्र में, राजनीति के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में सभी क्षेत्रों में पुरुषों की भांति कदम से कदम मिलाकर राष्ट्र निर्माण में लगे हुए हैं। आज की महिलाएं चांद पर पहुंच गयी है, लेकिन दूसरी ओर बाल विवाह भी हो रहा है, इसलिए बाल विवाह को रोकने में हम सभी की भागदारी हो।
ग्रामीण समाज विकास केंद्र के सचिव मेहर चंद ने बताया कि कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम लड़के को नाबालिग माना जाता है। 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या उस में सहायता करता है, उसको दो साल तक की कड़ी सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में बाल कल्याण समिति की सदस्य से पिंकी देवी, सृष्टि सिंह, गौरव मालिक और स्कूल के प्रधानाचार्य समेत समस्त स्टाफ मौजूद रहा।

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