श्राद्ध खाने नहीं आऊंगा कौआ बनकर] आँखो में आंसू ला दिये इस कहानी ने …
पायल जैन “अरे! भाई बुढापे का कोई ईलाज नहीं होता . अस्सी पार चुके हैं . अब बस सेवा कीजिये .” डाक्टर पिता जी को देखते हुए बोला ।”डाक्टर साहब ! कोई तो तरीका होगा . साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है .” “शंकर बाबू ! मैं अपनी तरफ से दुआ ही कर सकता…